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हाँ, मैं तलवे चाटता हूँ
राज्यवर्द्धन
आप मुझे अपने तलवे दीजिए
मैं चाटूँगा
क्या कहा—
अभी गंदे हैं
अरे! कोई बात नहीं
चाट-चाट कर साफ़ कर दूँगा
तलवे चाटने में महारत हासिल है
ऐसी चाटूँगा कि
परमानंद की अनुभूति होगी
तलवे को चाटकर ऐसा कर दूँगा
मानो तलवा नहीं
रक्त कमल हो
क्या कहा—
तलवे चाटने वाले
पहले से बहुत हैं
हुज़ूर!
ज़रूर होगा
पर मेरे जीभ में ज़ोर की ऐंठन हो रही है
अगर तलवे नहीं चाटा तो
तबियत ख़राब हो जाएगी
मूर्छित हो जाऊँगा
मौत भी हो सकती है
प्लीज़! मुझे अपना तलवा चाटने दीजिए
बदले में कुछ नहीं माँगूँगा
न कोई पद न कोई पुरस्कार
इच्छा होगी तो दे दीजिएगा
नहीं तो कुछ नहीं दीजिएगा
माना कि मैं पहले
दूसरों के तलवे चाटता था
पर अब उसके पाँव नहीं है
मुझे माफ़ कर दीजिए
अपने तलवे दीजिए!
स्रोत :
- रचनाकार: हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
- प्रकाशन: राज्यवर्द्धन
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